बैठक में तय हुआ 'जीत का फॉर्मूला': राजस्थान कांग्रेस ने निकाय-पंचायत चुनावों के लिए कसी कमर, कार्यकर्ताओं को मिली नई जिम्मेदारी

Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस ने शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें पार्टी के सभी प्रमुख नेता शामिल हुए। इस बैठक में आगामी निकाय और पंचायत चुनावों की रणनीति, संगठन को मजबूत करने और राज्य की भजनलाल शर्मा सरकार के खिलाफ आंदोलन की योजना पर विस्तृत चर्चा हुई।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बैठक में कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का आह्वान किया।
डोटासरा का बीजेपी पर तीखा हमला
मीडिया से बातचीत में गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भजनलाल शर्मा पांच साल तक मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। बीजेपी सरकार भले ही पांच साल चले, लेकिन यह 'कच्ची पर्ची' कभी भी बदल सकती है। डोटासरा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि गहलोत के पास शायद कोई ऐसा इनपुट होगा, जिसके आधार पर वे यह बात कह रहे हैं।
उन्होंने बीजेपी सरकार को अक्षम और अनिर्णय की स्थिति में बताया, जिसमें नेता एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं। डोटासरा ने कहा कि ऐसे अक्षम लोगों के हाथों में सत्ता आना राजस्थान का दुर्भाग्य है।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के घर की बिजली काटने के सवाल पर डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा कि बेनीवाल का तो सिर्फ बिजली काटी गई है, मेरे घर पर तो चुनाव के वक्त ईडी भेजी गई थी। यह दबाव की राजनीति है। उन्होंने बीजेपी पर संविधान की अवहेलना का आरोप लगाया और अगले सप्ताह से सभी जिलों में जिला कांग्रेस कमेटियों की बैठकें आयोजित करने की घोषणा की। इसके बाद प्रदेश और जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू होगा।
रंधावा का गठबंधन से इनकार
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने स्पष्ट किया कि आगामी निकाय और पंचायत चुनावों में कांग्रेस किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। मेवाड़ और वागड़ के आदिवासी क्षेत्रों में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने में जुटी है।
रंधावा ने दावा किया कि अगले दो-तीन वर्षों में पार्टी मेवाड़ और वागड़ में 20 साल पहले वाली स्थिति हासिल कर लेगी। उन्होंने कहा कि वहां कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जोश और उत्साह है।
रंधावा ने भारत आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया गया था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी जिला, तहसील, और विधानसभा स्तर पर रैलियां आयोजित करेगी और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेगी। रंधावा ने यह भी स्पष्ट किया कि संगठन में सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा, जबकि निष्क्रिय नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
पार्टी में वापसी पर हाईकमान का फैसला
पार्टी छोड़ चुके नेताओं की वापसी की अटकलों पर रंधावा ने कहा कि जो नेता वापस आना चाहते हैं, उन्हें पहले यह स्पष्ट करना होगा कि वे पार्टी क्यों छोड़कर गए थे। उन्होंने कहा कि पार्टी में शामिल होने का फैसला हाईकमान करेगा। रंधावा ने पार्टी में गुटबाजी की बात को खारिज करते हुए कहा कि सभी नेता एकजुट होकर संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं।
संगठन की मजबूती पर जोर
बैठक में डोटासरा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि केवल पुतले जलाने से काम नहीं चलेगा। उन्हें जनता के बीच जाकर उनके दुख-दर्द में शामिल होना होगा। उन्होंने कहा कि संगठन की मजबूती ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है। अगर संगठन मजबूत होगा, तो पार्टी सत्ता में वापसी करेगी।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश में अराजकता का माहौल है और सरकार कोई काम नहीं कर रही है। उन्होंने दावा किया कि जनता सरकार से हिसाब मांग रही है और कांग्रेस इसका फायदा उठाएगी।
अगले सप्ताह से सभी जिलों रैलियां
कांग्रेस ने अगले सप्ताह से सभी जिलों में जिला कांग्रेस कमेटियों की बैठकें आयोजित करने और सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की योजना बनाई है। पार्टी बूथ, ब्लॉक, मंडल, और नगर स्तर पर जनता के बीच जाएगी और बीजेपी सरकार की नाकामियों को उजागर करेगी। रंधावा ने कहा कि राजस्थान उत्तर भारत में कांग्रेस का सबसे मजबूत राज्य है, और पार्टी इसे और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।