राज्य सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार की सभी 33 योजनाओं को फ्लैगशिप कार्यक्रम से बाहर कर दिया है। इसमें पेंशन योजनाएं, देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना, विदेशों में प्रतिभावन विद्यार्थियों को पढ़ाने की स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं इसमें शामिल हैं।गहलोत सरकार की एक भी योजना को मौजूदा सरकार ने फ्लैगशिप की कैटेगरी में नहीं रखा है। बीजेपी सरकार ने गहलोत राज की योजनाओं की जगह खुद की 26 योजनाओं को फ्लैगशिप कार्यक्रम में शामिल कर इन पर फोकस करने का फैसला किया है।फ्लैगशिप प्रोग्राम से बाहर हुईं योजनाओं की सीएमओ स्तर पर उस तरह मॉनिटरिंग नहीं होगी जिस तरह पहले हुआ करती थी। कांग्रेस सरकार की इन योजनाओं को अब प्राथमिकता की सूची से बाहर माना जा रहा है।

फ्लैगशिप प्रोग्राम की मॉनिटरिंग बेहतर, रिपोर्ट सीएमओ तक
फ्लैगशिप कार्यक्रम में घोषित योजनाओं पर सरकार खास जोर देती है। उन योजनाओं पर मुख्यमंत्री से लेकर प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव लगातार मॉनिटरिंग करते हैं। अगर कहीं कोई गैप नजर आता है तो तुरंत समाधान हो जाता है। इन योजनाओं में जिलेवार कहां कितना पैसा खर्च हुआ? कितना काम हुआ? कितना बाकी है? इसे लेकर सरकार का एक पूरा प्रोफार्मा बनाकर भेजना होता है। जिले के अफसर इन स्कीम्स का ग्राउंड पर जाकर निरीक्षण करते हैं। आयोजना विभाग अलग से इन स्कीम्स को लेकर कलेक्टरों से फीडबैक लेता रहता है। हर महीने सीएम तक रिपोर्ट जाती है और सीएमओ हर स्कीम के बारे में लगातार अपडेट लेता रहता है।

भजनलाल सरकार की नई 26 योजनाओं को फ्लैगशिप कार्यक्रम में लिया
खाद्य सुरक्षा योजना से नए परिवारों को जोड़ना, कुसुम योजना ए,बी और सी, बिजली में संशोधित वितरण क्षेत्र योजना RDSS, लाडो प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वस्थ अवसरंचना मिशन, कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन शहरी, स्वामित्व योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान,अटल ज्ञान केंद्र, मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, अटल प्रगति पथ, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, मुख्यमंत्री सम्मान निधि योजना, पीएम विश्वकर्म योजना, मिशन हरियालो राजस्थान, जल जीवन मिशन, अमृत योजना, पंच गौरव योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना, नमो ड्रोन दीदी, सोलर दीदी, लखपति दीदी, बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी स्कीम।


गहलोत राज की इन 33 योजनाओं को फ्लैगशिप कार्यक्रम से बाहर किया
शुद्ध के लिए युद्ध, निरोगी राजस्थान, मुख्यमंत्री मुफ्त दवा योजना, मुफ्त जांच योजना, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और निरोगी राजस्थान योजना, एक रुपए किलो गेहूं, महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल, मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना, मुख्यमंत्री फ्री यूनिफॉर्म वितरण योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान हथलेवा योजना, सिलिकोसिस पॉलिसी 2019 के तहत दिए जाने वाले लाभ, मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना, मुख्यमंत्री बुजुर्ग सम्मान पेंशन योजना, मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना, पालनहार योजना और अनुप्रति कोचिंग योजना। राजस्थान कृषि प्रसंस्करण कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज प्रमोशन स्कीम और एमएसएमई एक्ट सेल्फ सर्टिफिकेशन, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2019।

इसके साथ ही जन सूचना पोर्टल, जन आधार योजना, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना, देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना, राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना 2021, इंदिरा रसोई योजना, इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना, घर-घर औषधि योजना, मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना, इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना, पर्यटन को उद्योग का दर्जा।

गहलोत राज की योजनाओं को फ्लैगशिप स्कीम से बाहर करने के सियासी मायने
गहलोत राज की सभी योजनाओं को फ्लैगशिप प्रोग्राम से बाहर करने को सियासी मैसेज के तौर पर देखा जा रहा है। बीजेपी सरकार ने इसकी जगह खुद की स्कीम्स को फोकस में रखा है। सरकार बदलने पर योजनाओं से फोकस बदलता रहता है। कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों के दौरान पहले भी एक दूसरे की योजनाओं को बंद करने और कमजोर करने के आरोप प्रत्यारोप लगते रहे हैं। गहलोत सरकार के दौरान सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, स्कॉलरशिप से लेकर कई लोकलुभावन योजनाओं को फ्लैगशिप घोषित किया था। अब मौजूदा सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से चलने वाली पीएम आवास योजना, पीएमजीएसवाय और लखपति दीदी जैसी बीजेपी शासित राज्यों में चल रही योजनाओं को फ्लैगशिप में लेकर अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने का मैसेज दिया है।

कांग्रेस सरकार की योजनाओं को कमजोर करने के आरोप
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि मौजूदा सरकार कांग्रेस राज की जनकल्याणकारी योजनाओं को या तो बंद कर रही है या उन्हें कमजोर कर रही है। यह सब एक एजेंडे के तहत किया जा रहा है। कांग्रेस राज की योजनाओं को लगातार कमजोर करके ये अपनी मानसिकता को प्रदर्शित कर रहे हैं लेकिन यह जनता के हित में नहीं है, इसमें जनता का क्या दोष है।