धनंजय सिंह को कोर्ट से क्लीन चिट, दोहरे हत्याकांड में नहीं पाए गए दोषी
जौनपुर : केराकत के बेलांव घाट पुल पर टोल टैक्स के विवाद को लेकर एक अप्रैल 2010 को संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शारिक सिद्दीकी ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत चार आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है। पंद्रह वर्ष बाद आए इस फैसले पर सभी की निगाह थी।
डबल मर्डर में धनंजय सिंह व आशुतोष पर हत्या के दुष्प्रेरण एवं पुनीत सिंह व सुनीत सिंह पर हत्या का आरोप था। घटना के चश्मदीद गवाह पक्षद्रोही हो गए थे। गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। जिसमें पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत चारों आरोपियों को बरी कर दिया गया।
फैसला आने के बाद राहत महसूस करने वाले पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने प्रकरण को राजनीतिक साजिश बताया और न्यायपालिका का आभार जताया। धनंजय ने कहा कि मुझे पहले से भरोसा था कि न्यायपालिका से मुझे न्याय मिलेगा।
यह एक राजनीतिक द्वेष से प्रेरित मामला था, जिसमें मुझे फंसाया गया। इसमें नाम आने के बाद मुझे पार्टी से निष्कासित किया गया, जिले में आने पर धारा 144 लगा दी गईष आज वही मामला खत्म हुआ। मैं न्यायपालिका का आभार व्यक्त करता हूं कि 15 वर्षों बाद मुझे न्याय मिला।
ठेकेदारी की रंजिश में हत्या का था आरोप
आरोप है कि ठेकेदारी की रंजिश को लेकर हत्याकांड को अंजाम दिया गया। पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ ही आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह व सुनीत सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट में सभी गवाहों के बयान भी दर्ज हुए थे। एडीजीसी लाल बहादुर पाल ने 20 गवाहों को परीक्षित कराया था।
दर्ज हो चुका है आरोपियों का बयान
अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट में पहले ही चारों आरोपियों का बयान दर्ज हो गया था। बयान में सभी ने खुद को निर्दोष बताया था। पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने उन्हें राजनीतिक विद्वेषवश फंसाये जाने की बात कही थी। एक अप्रैल 2010 को 5.15 बजे सुबह बेलांव घाट बैरियर के पास टोल टैक्स के विवाद में संजय निषाद व नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।