हर घर में ऊर्जा का एक खास प्रवाह होता है. ये ऊर्जा हमारे सोचने, काम करने और जीवन के तरीके को सीधे तौर पर प्रभावित करती है. इसी ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत होता है घर का वास्तु. भारत में वास्तु शास्त्र को हजारों सालों से माना जाता है और इसका गहरा संबंध दिशाओं से होता है. आज हम बात करेंगे साउथ-ईस्ट दिशा की, जिसे आम भाषा में “अग्नि कोण” कहा जाता है. अगर आप नहीं जानते कि आपके घर में साउथ-ईस्ट दिशा कहां है, तो एक साधारण कंपास की मदद लें या किसी विशेषज्ञ की राय लें. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं .

इस दिशा का सीधा संबंध घर की ऊर्जा और आग से है. यह दिशा अगर सही ढंग से बनी हो, तो घर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है, लेकिन अगर इसमें कुछ भी गड़बड़ हो जाए, तो उसका असर घर के हर सदस्य पर पड़ता है.

आखिर क्यों साउथ-ईस्ट में वास्तु दोष होता है?
इस दिशा का संबंध ऊर्जा, गर्मी और उत्साह से है. अगर इस दिशा में पूजा घर, टॉयलेट या पानी का स्रोत बना हो, तो ये तत्व आपस में टकराने लगते हैं. अग्नि तत्व को जल या शांति से जोड़ा जाए, तो वह अपना प्रभाव खो देता है और इसका असर हमारे जीवन पर दिखने लगता है. उदाहरण

1. अगर इस दिशा में टॉयलेट है. तो घर के पैसे की बर्बादी होने लगती है.
2. पूजा घर होने पर मानसिक तनाव, दुर्घटनाएं और रिश्तों में खटास आ सकती है.
3. अगर यहां पर किचन नहीं है, तो महिलाओं की सेहत बिगड़ सकती है या पारिवारिक कलह बढ़ सकता है.

ये असर होता है.
वास्तु दोष का असर हर व्यक्ति पर अलग तरह से होता है. कुछ लोगों को आर्थिक नुकसान होने लगता है, कुछ के रिश्ते खराब होने लगते हैं, तो कुछ को बार-बार चोट लगती है या एक्सीडेंट होते हैं. कई बार लोग समझ नहीं पाते कि घर में बार-बार परेशानियां क्यों आ रही हैं और वजह होती है, यही दिशा.

ये उपाय करें
अगर आपके घर में साउथ-ईस्ट दिशा में कोई वास्तु दोष है, तो घबराने की जरूरत नहीं है . कुछ छोटे-छोटे उपायों से आप इस दोष को काफी हद तक कम कर सकते हैं.

1. रंग बदलें – अगर इस दिशा में नीला या काला रंग है, तो उसे हटाकर हल्का क्रीम या ऑफ-व्हाइट रंग कर दीजिए.
2. लाल रंग का टेप – अगर टॉयलेट या एंट्रेंस इस दिशा में है, तो दरवाजे पर लाल रंग की टेप लगाना फायदेमंद रहेगा.
3. धातु का प्रयोग – इस दिशा में धातु जैसे तांबा या पीतल रखने से भी ऊर्जा संतुलित रहती है.
4. खुशबू और रोशनी – रोज सुबह इस दिशा में दीपक या अगरबत्ती जलाने से सकारात्मकता बनी रहती है.