CBI की बड़ी कार्रवाई: धमकी देकर 80 लाख ठगने वाले साइबर गिरोह का भंडाफोड़

झुंझुनूं. सीबीआई ने राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित प्रसिद्ध बिट्स पिलानी की महिला प्रोफेसर से की गई साइबर ठगी के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है. इन ठगों ने महिला प्रोफेसर को करीब तीन महीने तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा था. ठगों ने उनसे 7 करोड़ 67 लाख रुपये वसूल लिए थे. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही थी. इन ठगों के पास करीब 200 बैंक अकाउंट, चेक बुक, एटीएम कार्ड और 25 हजार आईपी एड्रेस मिले हैं.
पुलिस के मुताबिक साइबर ठगी की यह वारदात बिट्स पिलानी की महिला प्रोफेसर श्रीजाता डे के साथ हुई थी. यह मामला बाद में सीबीआई के पास चला गया था. सीबीआई ने ‘ऑपरेशन चक्र-5’ के तहत यूपी के मुरादाबाद और मुंबई से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों के पास 25 हजार आईपी एड्रेस मिले हैं. इन आईपी एड्रेस का इस्तेमाल कर ये साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट और ठगी की वारदातें करते थे.
पहली बार अक्टूबर 2023 में किया था कॉल
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि ठग करीब 200 बैंक खातों का इस्तेमाल पैसे मंगवाने और भेजने के लिए करते हैं. फिलहाल चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पांच दिन के रिमांड लिया गया है. इन ठगों ने बिट्स पिलानी की प्रोफेसर श्रीजाता डे को पहली बार अक्टूबर 2023 में कॉल किया था. ठगों ने खुद को दूरसंचार विभाग ट्राई का अधिकारी बताकर प्रोफेसर को डराया कि उनके मोबाइल नंबर पर साइबर क्राइम की शिकायत है.
15 फरवरी 2024 को ठगों ने फोन बंद कर दिया था
उसके बाद मुंबई पुलिस, सीबीआई, ईडी आदि का डर दिखाकर तीन महीने में 7 करोड़ 67 लाख रुपये की ठगी की. पीड़ित प्रोफेसर ठगों से इतना डर गई थी उसने 80 लाख रुपये का लोन लेकर भी ठगों को दे दिया. ठगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बहाना बनाकर पैसे वापस करने का वादा किया. लेकिन 15 फरवरी 2024 को पैसे वापस करने की बात पर ठगों ने फोन बंद कर दिए और गायब हो गए.
सीबीआई ने 12 ठिकानों पर छापे मारे थे
उसके बाद प्रोफेसर ने झुंझुनूं एसपी को शिकायत दी थी. उनकी शिकायत पर साइबर थाने में मामला दर्ज किया गया था. चूंकि ठगों ने विदेशी बैंक खातों में भी पैसे मंगवाए थे इसलिए राजस्थान पुलिस ने सीबीआई से जांच का आग्रह किया था. सीबीआई ने ठगों के मुंबई, मुरादाबाद, संभल, जयपुर और कृष्णनगर में 12 ठिकानों पर छापे मारे थे. उसके बाद चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है. जयपुर रेंज आईजी अजयपाल लांबा ने बताया कि यह मामला सीबीआई के पास है. इसलिए वे कुछ नहीं कह सकते. लेकिन यह मामला पूरे देश में चर्चित डिजिटल अरेस्ट के मामलों में से एक है.