मध्य प्रदेश का कर्ज बजट से ज्यादा: आर्थिक स्थिति पर बड़ा सवाल

मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज अब गले तक आ चुका है. वर्तमान में सरकार पूरे प्रदेश के बजट बराबर कर्ज ले चुकी है. मार्च में जब सरकार ने तीन बार फिर हजारों करोड़ का कर्ज लिया तो प्रदेश पर कुल कर्ज 4.30 लाख करोड़ रु के पार हो गया है. ऐसे में प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कई सवाल उठने लगे हैं. सबसे बड़ा सवाल शासकीय कर्मचारियों के वेतन से जुड़ा है. सवाल ये हैं कि केंद्र के बराबर डीए मिलने की उम्मीद लगाए कर्मचारियों को सरकार उतना डीए दे पाएगी? आइए जानते हैं पूरा गणित
1 साल में मोहन सरकार ने लिया इतना कर्ज
जनवरी 2024 से लेकर जनवरी 2025 तक मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने रिकॉर्ड तोड़ कर्ज लिया है. एक साल में सरकार 55 हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज ले चुकी है. इसके पहले ही सरकार पर 3 लाख 70 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज था जो नए साल में 4.30 लाख करोड़ को पार कर चुका है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह राज्य के 4.2 लाख करोड़ के बजट से ज्यादा हो गया है, जिसे हाल ही में पेश किया गया था.
सरकार क्यों ले रही इतना ज्यादा कर्ज?
इतना ज्यादा कर्ज लेने और विपक्ष के बार-बार निशान पर आने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इसे समय की जरूरत बताया था. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा था, '' विकास कार्य व कई योजना-परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सरकार समय-समय पर कर्ज लेती है. इसमें चिंता की कोई बात नहीं.''
कर्मचारियों को DA देने की हालत में सरकार?
मध्य प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष में 64 हजार करोड़ तक का कर्ज जरूरत पड़ने पर ले सकती है. हालांकि, मोहन सरकार ने पहले ही 61 हजार 400 करोड़ से ज्यादा का कर्ज ले लिया है. ऐसे में सरकार की कर्ज लेने की लिमिट भी लगभग खत्म हो गई है. ऐसे में सवाल ये उठने लगे हैं कि क्या मध्य प्रदेश सरकार कर्मचारियों को केंद्र समान डीए देने की हालत में है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि महंगाई भत्ता बढ़ाने से मध्य प्रदेश सरकार पर वित्तीय बोझ भी बढ़ेगा और उसकी भरपाई करने के लिए भी सरकार को कई फैसले लेने होंगे.
देश के कुल कर्ज का 5 प्रतिशत कर्ज मध्य प्रदेश का
बात करें पूरे देश की तो भारत पर कुल 93 लाख 93 हजार 317 करोड़ रु का कर्ज है, जिसमें से 5 प्रतिशत कर्ज तो केवल मध्य प्रदेश का है. कर्ज लेने के मामले में मध्य प्रदेश देश में 9वें स्थान पर है. लगातार बढ़ते कर्ज के बोझ ने सरकार की कई योजनाओं पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. वहीं विपक्ष भी इस मामले में सरकार को लगातार घेर रहा है.
हर व्यक्ति पर 50 हजार रु का कर्ज?
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार लिए जा रहे कर्ज का मुद्दा विपक्ष ने बजट सत्र के दौरान भी उठाया. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, '' ये बजट कर्ज का बजट है. सरकार कर्ज लेकर कर्ज चुकाने में लगी है और मध्य प्रदेश के हर व्यक्ति पर 50 से 60 हजार रु का कर्ज हो गया है. ये बजट झूठ का पुलिंदा है.'' बता दें कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कर्ज की पोटली लेकर विधानसभा पहुंचे थे और सरकार की आर्थिक नीति पर कड़े सवाल उठाए.
तो मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के DA का क्या होगा?
प्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर हर वर्ग को अलग-अलग तरह की चिंता सता रही है. सबसे ज्यादा चिंता मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को है, जो पिछले एक साल से डीए केंद्र बराबर होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. केंद्र द्वारा डीए 55 प्रतिशत करने के बाद हाल ही में यूपी, राजस्थान, असम और ओडीशा ने भी डीए बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया है. बारी अब मध्य प्रदेश की है, लेकिन प्रदेश की वित्तीय स्थिति देखते हुए सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रदेश सरकार 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ता बढ़ाने की स्थिति में है?
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को मिल रहा इतना DA
प्रदेश के सात लाख से ज्यादा कर्मचारियों को केंद्र सरकार द्वारा घोषित 55% डीए के मुकाबले 50% डीए मिल रहा है. राज्य के कर्मचारियों को उम्मीद थी कि नए वित्तीय वर्ष के बजट में ही डीए बढ़ने की घोषणा होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.