फलों के साथ कोल्डड्रिंक: हत्या से पहले मां ने बच्चों को पिलाई, फिर घटित हुई खौ़फनाक घटना
फलोदी में मां-बाप ने तीन बच्चों को पहले जहर दिया, फिर गला रेतकर हत्या कर दी। मासूमों की मौत के बाद पति-पत्नी ने भी सुसाइड करने की कोशिश की। घटना फलोदी के कालू पाबूजी में 14 अप्रैल देर रात हुई।शिवलाल ने पहले से ही तय कर लिया था कि वह पूरे परिवार को खत्म कर देगा। इसमें पत्नी जतनो देवी ने भी उसका साथ दिया।आखिर क्यों मां–बाप ने अपने ही तीन बच्चों की हत्या कर दी? क्यों खुद को भी मारने की कोशिश की?
मां ने काटा 24 महीने की नत्थू का गला
हॉस्पिटल में भर्ती जतनो देवी ने शुरुआती पूछताछ में पुलिस को बताया कि उस रात पति-पत्नी में पैसों को लेकर झगड़ा हुआ था। तीन दिन पहले उसकी सास ने बेटे से घर खर्च और उसकी देखभाल के लिए पैसे मांगे थे।शिवलाल का छोटा भाई नरेश आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। ऐसे में माता-पिता शिवलाल से ही पैसों की डिमांड करते थे। इसी को लेकर पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता था।रात को कीटनाशक मिला खाना खाने से बच्चे बेहोश हो गए। इस पर पति-पत्नी ने ब्लेड से बच्चों के हाथों की नसें काट दी। सबसे छोटी बेटी नत्थू का गला तो खुद उसकी मां ने रेता था। गला इतनी बुरी तरह रेता कि सांस की नली कट गई। बच्चों की हत्या के बाद पति-पत्नी ने भी सुसाइड की कोशिश की, लेकिन बच गए।
कंपनी से कॉल आया तो भी नहीं लौटा
शिवलाल के पिता दीनाराम (57) ने बताया- घटना वाले दिन उत्तराखंड से उसकी कंपनी से शिवलाल को कॉल आया था। शिवलाल से कहा कि एक मशीन का कुछ काम निकल आया है। शिवलाल ने आने से मना कर दिया।
दीनाराम बताते हैं कि उस दिन मेरे ही फोन से उसने बात की थी। उसकी बातों से बिल्कुल भी नहीं लगा कि वह इस तरह का कोई कदम उठा सकता है। रात 8 से 9 बजे के बीच वह मेरे कमरे में अपना मोबाइल चार्ज पर लगाने के लिए भी आया था। तब भी उसके हाव-भाव सामान्य ही थे।
ननिहाल रह रही नत्थू को भी घर ले आया
शिवलाल पर परिवार को खत्म करने का जुनून सवार था। तीन दिन पहले ही वह सबसे छोटी बेटी नत्थू को उसके नाना हरकाराम के घर से जाकर ले आया। नत्थू दो साल से अपने नाना के ही रह रही थी। उसके दोनों बड़े भाई-बहन किरण और हरीश कोलू पाबूजी में ही अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे।
वारदात के दिन बच्चों को कोल्ड ड्रिंक भी पिलाई थी। रात को खाने में कीटनाशक मिलाने के बाद हरीश और किरण की कलाई काटी और नत्थू का ही चाकू जैसे धारदार हथियार से गला रेता गया। तीनों बच न जाएं, ये सुनिश्चित करने के लिए गला भी दबाया।
शक न हो, इसलिए बाहर बिस्तर लगाए, सोए कमरे में
ताऊ के लड़के रामचंद्र ने बताया- शिवलाल और उसका परिवार एक कमरे के टीनशेड वाले अपने घर के बाहर ही सोते थे। घटना वाली रात भी उन्होंने बिस्तर बाहर ही लगाए थे, लेकिन सोए नहीं। सुबह तीनों बच्चों के शव कमरे में पड़े थे। पति-पत्नी भी वहीं पड़े थे। कमरे में हर तरफ खून ही खून था। पुलिस को कमरे से ब्लेड, चाकू और जहरीले पदार्थ की खाली शीशी मिली है। जोधपुर से आई एफएसएल टीम ने भी वारदात वाली जगह से नमूने उठाए हैं। शिवलाल के खिलाफ उसके चाचा ने मामला दर्ज करवाया है।
चौखट पर खून, घर पर ताला, परिवार सदमे में
जतनो की देवरानी गुड्डी को सबसे पहले वारदात का पता चला था। गुड्डी ने बताया- सभी खुश थे। किसी तरह का कोई झगड़ा या विवाद नहीं था। मंगवार सुबह जब स्कूल की वैन किरण और हरीश को लेने आई तो कोई बाहर नहीं निकला। बच्चे स्कूल जाने के लिए नहीं निकले तो मैं देखने चली गई।
वहां जाकर देखा तो दरवाजे से खून बहकर बाहर आया हुआ था। कमरा अन्दर से खुला हुआ था। हल्का सा किवाड़ खोला तो अंदर का नजारा देखकर सिहर गई। चिल्लाती हुई वहां से भागी। परिवार को बताया। पास ही रहने वाले एक डॉक्टर को भी बुलाया। शिवलाल भैया और भाभी की सांसें चल रही थीं।
वहीं दादा दीनाराम अपने पोते हरीश को याद कर बिलख रहे थे। बोले- दो साल पहले लकवा हुआ तो पोता अक्सर मेरे पास आता। सेवा करता। पानी पिलाता। कहता- बाबा आप अच्छे हो जाओगे। अब वो नहीं रहा तो मुझे भी क्यों जिंदा छोड़ा। इस नर्क भरी जिंदगी से तो हमें भी मार देता तो ही अच्छा था।